जिगरी दोस्ती वो थी… जब मेरे दोस्त ने मुझे गले लगा कर कहा था कि दौलत भी है , शौहरत भी है और इज़्ज़त भी है पर तेरे बिना ये सब बेकार है

हमारी और आपकी ”दोस्ती ” इतनी गहरी हो कि, नौकरी करो आप ….. सैलरी हमारी हो

कुछ दोस्त हमारे दोस्त कम और हमारे माँ बाप के भरोसेमंद खबरी ज़्यादा होते हैं

मेरी यादो की शुरुआत ही तुमसे होती है दोस्तों … तूम ये न कहा करो की मुझे दुआओ में याद रखना…

कमाल है ना!
आँखे तालाब नहीं, फिर भी, भर आती है!
दुश्मनी बीज नही, फिर भी, बोयी जाती है!
होठ कपड़ा नही, फिर भी, सिल जाते है!
किस्मत सखी नहीं, फिर भी, रुठ जाती है!
बुद्वि लोहा नही, फिर भी, जंग लग जाती है!
आत्मसम्मान शरीर नहीं, फिर भी, घायल हो जाता है!
और,इन्सान मौसम नही, फिर भी, बदल जाता है!…

ना मिलना , ना कॉल , ना SMS मुझे तुम्हारी चिंता हो रही है . क्या हुआ ? चिड़ियाघर वालों ने दुबारा पकड़ लिया क्या ?.

किसी का हाथ थाम कर छोड़ना नहीं,
वादा किसी से करो तो तोड़ना नहीं,
कोई अगर तोड़ दे दिल आप का,
तो बिना हाथ पैर तोडे उसे छोड़ना नहीं…

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